स्टेम सेल

स्टेम सेल को कोशिका चिकित्सा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अंतर्गत एक ऐसी कोशिका का अध्ययन किया जाता है, जिसमें वृद्धि, विभाजन एवं विभेदन करके नए ऊतकों का विकास किया जा सके है। अस्थिमज्जा से प्राप्त इन कोशिकाओं को कैंसर आदि रोगों में प्रत्यारोपण करके पूरी प्रणाली को पुर्नसंरचित कर दिया जाता है। इन्हें ही स्टेम सेल कहते हैं। भ्रूण से प्राप्त कोशिकाओं को भ्रूणीय स्टेम सेल कहा जाता है। हृदयरोग, मधुमेह जैसे रोगों के निदान हेतु भ्रूणीय विभेदित कोशिकाओं का विशेष महत्व है। ये क्षतिग्रस्त अंगों की मरम्मत में भी मददगार हैं। भारत में स्टेम सेल अनुसंधान हेतु फ्स्टेम सेल रिसर्च फोरम ऑफ इंडियाय् का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य स्टेम सेल अनुसंधान के क्षेत्र में जैविकीय एवं चिकित्सा विज्ञान को एक मंच पर लाकर स्टेम सेल के वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है। स्टेम सेल अनुसंधान के लिए दिशा-निर्देश, डीबीटी और आईसीएमआर द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए जा रहे हैं। नई पहलों में शामिल हैं: आधारभूत ढांचे/उत्कृ"ता केंद्रों की स्थापना, सीजीएमपी, स्थितियों में मसेन्चाइमल स्टेम सेल्स के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र सहयोग, मेरूदंड की चोट, हिडडीयों की चोट, विभिनन अंग, इश्चीमिया, मधुमेह, यकृत इत्यादि जैसे रोगों में स्टेम सेलों का संभावित उपयोग।

iPS स्टेम सेल

यह एक प्रकार का प्लुरीपोटेंट स्टेम या आधार कोशिकाएं हैं जो वयस्क कोशिकाओं से सीधे उत्पादित किये जा सकते हैं। आईपीएससी प्रौद्योगिकी की खोज जापान के क्योटो प्रयोगशाला में शिन्या यामानाका ने किया था। उन्हें वर्ष 2012 में सर जॉन गुर्डोन के साथ इस खोज के लिए चिकित्साशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। ‘परिपक्व या वयस्क स्टेम सेल को प्लुरीपोटेंट बनने के लिए पुनःप्रोग्राम किया जा सकता है’। पुनर्योजी चिकित्सा में प्लुरीपोटेंट स्टेम सेल की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है क्योंकि इससे न्यूरॉन्स, हृदय, अग्नाशय, यकृत कोशिकाएं जैसी मानव कोशिकाएं बनाई जा सकती हैं। वे कोशिकाओं के एकल स्रोत का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनका उपयोग उन कोशिकाओं के प्रत्यारोपण में किया जा सकता है जो बीमारी या किसी जोखिम की वजह से समाप्त हो गयी हो।

सर्वाधिक ज्ञात प्लूरीपोटेंट स्टेम कोशिका है भ्रूण स्टेम कोशिका। चूंकि भ्रूण स्टेम कोशिका पर कई तरह की नैतिकता के सवाल उठते रहे हैं, जिस कारण उस क्षेत्र की संभावनाएं विवादों में घिर गयी। इस दृष्टिकोण से वयस्क कोशिका से प्लूरीपोटेंट स्टेम कोशिका का निर्माण एक क्रांतिकारी खोज कही जा सकती है।