भारत में शिक्षा क्षेत्र में गैर-सरकारी संस्थानों के योगदान की आवश्यकता क्यों है?

भारत में शिक्षा स्कूली शिक्षा औसत 5.12 वर्ष है जो अन्य उदीयमान बाजार अर्थव्यवस्थाओं जैसे चीन में 8.17 वर्ष, और ब्राजील में 7.54 वर्ष से कम है। कुछ शैक्षिक रूप से बेहद पिछड़े राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश एवं झारखंड में निम्नतम विद्यार्थी उपस्थिति दर 60 प्रतिशत से नीचे है। आज भी 17.7 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में इन सभी बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार अकेले वहन नहीं कर सकती, इसीलिए शिक्षा क्षेत्र में गैर-सरकारी क्षेत्र की भूमिका प्रासंगिक है।