ब्रेक्जिट का मुद्दा

ब्रेक्जिट समझौते का अंतिम मसौदा ब्रिटेन की संसद से पारित नहीं हो पा रहा है और इसके चलते यहां नागरिकों में कई तरह की आशंकाएं बढ़ती जा रही है। फिलहाल संसद में पारित कराया जाना था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी इसके पारित न होने की आशंका के चलते इस पर होने वाला संसदीय मतदान टाल दिया।

ब्रिटेन मार्च, 2019 तक यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा, लेकिन इसके बाद भी उसे कई मसलों को सुलझाने के लिए यूरोपीय संघ से बातचीत करनी होगी।

ब्रेक्जिट मसौदे में शामिल की गई ‘बैकस्टॉप पॉलिसी’ के अनुसार परिवर्तन काल के दौरान ब्रिटेन को यूरोपीय संघ की कई शर्तें माननी होंगी। इन शर्तों के मुताबिक परिवर्तन काल में ब्रिटेन यूरोपीय संघ के ‘कस्टम यूनियन’ का सदस्य बना रहेगा। ‘कस्टम यूनियन’ में रहने से यूरोपीय संघ में शामिल सभी देशों की सीमाएं ब्रिटिश माल-सामान की आवाजाही के लिए खुली रहेंगी।