नदियों में प्रदूषण पर CPCB का आंकलन

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) के एक आकलन के अनुसार देश में प्रदूषित नदियों की संख्या 2 वर्षों में 302 से 351 तथा गंभीर रूप से प्रदूषित नदियों की संख्या 34 से 45 हो गई है।

  • आकलन के अनुसार 20,000 करोड़ रुपये की नमामि गंगे परियोजना का असर बिहार और उत्तर प्रदेश की नदियों पर सर्वाधिक दिखाई दे रहा है, जहां प्रदूषित नदियों की संख्या महाराष्ट्र, असम और गुजरात से काफी कम है। इन तीनों राज्यों (महाराष्ट्र, असम और गुजरात) में कुल 117 नदियां प्रदूषित हैं।
  • सर्वाधिक प्रदूषित मीथि नदी (पोवई से धारावी के बीच (Biological Oxygen Demand (BOD) 250 मिग्रा/ली.), गोदावरी (सोमेश्वर से राहेड़ के बीच BOD 5 से 80 मिग्रा/ली.), साबरमती (खेरोज से वउथा के बीच BOD-4 से 147 मिग्रा/ली.) और हिंडन (सहारनपुर से गाजियाबाद के बीच BOD-48 से 120 मिग्रा/ली.) हैं।
  • CPCB 1990 से BOD को मापकर नदी की गुणवत्ता निगरानी करता है। BOD की जितनी अधिक मात्रा होगी नदी उतनी खराब होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड BOD की मात्रा 3 मिग्रा/ली. से कम होने पर नदी को स्वस्थ मानता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना सितंबर, 1974 में जल (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत की गई। बाद में CPCB को वायु (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत शक्तियां प्रदान की गई।