आपदा जोखिम न्यूनीकरण की राष्ट्रीय योजना

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जून 2016 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना, 2016 तैयार की गई थी। यह योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति प्राप्त आपदा जोखिम न्यूनीकरण (2015-2030) के सेंडाई फ्रेमवर्क के अनुरूप है।

किसी भी आपदा की स्थिति में कार्रवाई या प्रतिक्रिया करने के लिये एक निर्धारित ढांचा तैयार किया गया है जिसके केंद्र में एनडीएमए को रखा गया है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय आपदा की पूर्व चेतावनी देगी।

अग्रिम आपदा सूचना देने के लिए एजेंसियां

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय आपातकालीन परिचालन केंद्र (National Emergency Operation Center–NEOC)–1 काम करता है। इसी तरह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकालीन परिचालन केंद्र (NEOC)–2 काम करता है।

  • राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC)
  • जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (DEOC)
  • समेकित रक्षा स्टाफ (IDS)
  • ‘हिमस्खलन’ हिमपात और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (SASE)
  • ‘चक्रवात’ भारत मौसम विज्ञान विभाग (CIMD)
  • कृषि और किसान कल्याण के लिए मंत्रालय (MHFW)
  • ‘भूकंप’ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (EIMD)
  • ‘महामारी’ के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW)
  • ‘बाढ़’ के लिए केंद्रीय जल आयोग (CWC)
  • ‘भूस्खलन’ के लिए भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
  • ‘सुनामी’ सूचना के लिए भारत महासागर सेवा राष्ट्रीय केंद्र (INCOIS)