परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)

परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) वर्ष 2015 से वर्ष 2017 के बीच केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम (सीएसपी) के रूप में शुरू की गई प्रथम व्यापक योजना है, जिसे अब अगले 3 वर्षों के लिए संशोधित किया गया है। यह योजना 8 पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के 3 पहाड़ी राज्यों में 90/10 (भारत सरकार/ राज्य सरकार) के अनुपात वाली वित्त पोषण व्यवस्था, केंद्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत की वित्त पोषण व्यवस्था और देश के शेष राज्यों में 60/40 के अनुपात वाली वित्त पोषण व्यवस्था के साथ लागू की गई है।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच)

क्षेत्र विस्तारः निर्धारित बागवानी फसल का अतिरिक्त 76,015 हैक्टेयर का निर्धारित क्षेत्र कवर किया गया है।

कायाकल्पः पुराने एवं जीर्ण बागों का 5,060 हैक्टेयर के क्षेत्र का कायाकल्प किया गया है।

यह केंद्र प्रायोजित योजना है। जिसके तहत बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास किया जाता है। इसका उद्देश्य अनुसंधान प्रौद्योगिकी प्रोन्नति, विस्तार, प्रसंस्करण और विपणन द्वारा बागवानी क्षेत्र का विकास करना है।