निमोनिया और डायरिया प्रोग्रेस रिपोर्ट 2018

नवंबर, 2018 को 'निमोनिया और डायरिया प्रोग्रेस रिपोर्ट 2018' जारी की गई है। यह रिपोर्ट जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के इंटरनेशनल वैक्सीन एक्सेस सेंटर (IVAC) द्वारा जारी की गई है। यह रिपोर्ट निमोनिया और डायरिया के विरुद्ध ''बचाव, रोकथाम और उपचार" की प्रगति और उसमें उत्पन्न होने वाले व्यवधान की समीक्षा करती है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • विगत एक वर्ष में ओआरएस कवरेज में 13 प्रतिशत, स्तनपान में 10 प्रतिशत अंक की गिरावट आयी है, जबकि निमोनिया देखभाल तक पहुंच में 4 प्रतिशत की कमी आई।
  • निमोनिया और डायरिया के कारण 5 साल से कम आयु के बच्चों की कुल 2,60,990 मौतों के साथ, भारत इससे प्रभावित होने वाले 15 देशों की सूची में शीर्ष पर है। वर्ष 2016 में 5 वर्ष से कम उम्र के 1,58,176 बच्चे निमोनिया से जबकि डायरिया से 1,02,813 बच्चों की मृत्यु हुई।
  • पूर्ण टीकाकरण कवरेज में सुधार के बावजूद भारत में महिलाएं एवं बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। दिल्ली के कम आय वाले क्षेत्रों में, टीकाकरण के जरिए पूरी तरह से प्रतिरक्षित हर 100 पुरुषों की तुलना में केवल 78 महिलाओं को ही प्रतिरक्षित पाया गया। इन असमानताओं को दूर कर निमोनिया और डायरिया से उत्पन्न चुनौतियां को कम करने में मदद मिल सकती है।

मुख्य तथ्य

  • निमोनिया के कारण भारत में वर्ष 2030 तक 17 लाख से अधिक बच्चों की मृत्यु होने की संभावनाएं व्यक्त की गई हैं।
  • जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ प्रत्येक वर्ष निमोनिया और डायरिया के खिलाफ
  • 'बचाव, रोकथाम और इलाज’की समीक्षा करता है।
  • वैश्विक स्तर पर वर्ष 2016 में 5 साल से कम उम्र के ‑बच्चों की चार मौतों में से एक मौत निमोनिया और डायरिया के कारण हुई।