स्मार्ट सिटी मिशन

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अखिल भारतीय प्रतियोगिता के चार राउंड के जरिए 100 स्मार्ट शहरों का चयन किया गया है। मिशन की शुरुआत के साथ ही 100 शहरों में 5,151 प्रोजेक्ट चिन्हित किए गए, जिनके विकास पर 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जानी है। इन सारे प्रोजेक्ट में अलग-अलग चरणों पर कार्य चल रहा है। 10,116 करोड़ रुपये के 534 प्रोजेक्ट पर कार्य पूरा किया जा चुका है। 43,493 करोड़ रुपये की 1,177 योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू हो चुका है। जबकि 38,207 करोड़ रुपये के 677 प्रोजेक्ट पर निविदा की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। स्मार्ट सोल्यूशन, स्मार्ट सड़कें, स्मार्ट पेयजल, छत पर सौर ऊर्जा, दर्शनीय और प्रभावपूर्ण प्रोजेक्ट जैसी योजनाओं की प्रगति निम्नलिखित हैः

  • स्मार्ट कमांड और कंट्रोल सेंटर योजना के लिए 11 शहरों में 1,558 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं- 3,049 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट 29 शहरों में प्रगति पर हैं।
  • स्मार्ट सड़क प्रोजेक्ट के तहत 4 शहरों में 228 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरा कराए जा चुके हैं। 34 शहरों में 3,819 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं।
  • स्मार्ट वाटर प्रोजेक्ट के तहत 18 शहरों में 902 करोड़ रुपये के कार्य पूरे किए जा चुके हैं।
  • सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के तहत 8 शहरों में 58 करोड़ रुपये के कार्य किए जा चुके हैं।
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रलय ने ‘ईज ऑफ लिविंग’ सूचकांक की शुरुआत की है। शहरों में रहन-सहन को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से देश के शहरों की स्थिति की पड़ताल और मूल्यांकन के आधार पर शहरी विकास और प्रबंधन के स्तर में सुधार के लिए यह किया गया है।
  • मिशन की शुरूआत जून, 2015 में की गई थी।
  • अवसंरचना तत्वः जल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन, किफायती आवास तथा सुशासन, ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी शामिल है।