वामपंथी अतिवाद से प्रभावित राज्यों की स्थिति

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा तथा बिहार ऐसे राज्य हैं जो वामपंथी अतिवाद से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र तथा आंध्र प्रदेश जो पहले गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्र का हिस्सा थे, को आंशिक रूप से प्रभावित माना गया है। उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जो वामपंथी अतिवाद से बहुत कम प्रभावित हैं।

  • रिपोर्ट के अनुसार, माओवादी केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में अपनी गतिविधियों को तेज करने का प्रयास कर रहे हैं और इन राज्यों के माध्यम से देश के पश्चिमी एवं पूर्वी घाट क्षेत्र के अपने संगठन को आपस में जोड़ने की योजना बना रहे हैं। माओवादी इन क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के त्रि-जंक्शन पर आदिवासी क्षेत्रों में माओवादियों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से केरल के 3 जिलों को एसआरई जिलों की सूची में शामिल किया गया है।
  • रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि माओवादी असम तथा अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं। यदि ऐसा करने में वे सफल होते हैं तो यह उनकी दीर्घकालिक रणनीति हो सकती है।

नक्सल हिंसा से प्रभावित 8 नये जिले

  • केरलः मलप्पुरम, पलक्कड़ तथा वायनाड
  • आंध्र प्रदेशः पश्चिम गोदावरी
  • छत्तीसगढ़ः कबीरधाम
  • मध्य प्रदेशः मांडला
  • झारखंडः दो जिले

नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटाये गए जिले

  • तेलंगानाः 19 जिले
  • ओडिशाः 6 जिले
  • बिहारः 6 जिले
  • पश्चिम बंगालः 4 जिले
  • छत्तीसगढ़ः 3 जिले
  • झारखंडः 2 जिले
  • महाराष्ट्रः 1 जिला

30 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिले

  • आंध्र प्रदेशः विशाखापत्तनम
  • बिहारः औरंगाबाद, गया, जमुई, लखीसराय
  • छत्तीसगढ़ः बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेड़, कोंडागाँव, नारायणपुर, राजनांदगाँव, सुकमा
  • झारखंडः बोकारो, चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, लातेहार, लोहरदग्गा, पलामू, राँची, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम
  • महाराष्ट्रः गढ़चिरोली
  • ओडिशाः कोरापुट, मलकानगिरी
  • तेलंगानाः भद्राद्री, कोठगुदेम