सार्क की घटती प्रासंगिकता

दक्षेस अपने 33 साल के इतिहास में अपना एक भी उद्देश्य पूरा नहीं कर पाया है। यह दो सबसे बड़े सदस्य भारत और पाकिस्तान के विवादों का मंच बनकर रह गया है। भारत और पाकिस्तान की सक्रिय भागीदारी के बिना दक्षेस की कोई प्रासंगिकता नहीं है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा उड़ी में हमला करने के बाद भारत-पाकिस्तान रिश्ते अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गए हैं। इनको सामान्य स्तर पर लाने के लिए पाकिस्तान को प्रयास करने होंगे। बिम्सटेक यानी (Bay of Bengal Initiative For Multi & Sectoral Technical and Economic Cooperation – BIMSTEC) में बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और मालदीव शामिल हैं। यह संगठन तेजी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि इसमें दो बड़े शत्रु देशों की मौजूदगी एक-साथ नहीं है।