वन नेशन वन राशन कार्डः सभी के लिए सुनिश्चित खाद्य सुरक्षा

खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’(ONORC) योजना की घोषणा की। इस प्रणाली के शुरू होने के बाद लाभार्थियों को अपनी पसंद की किसी भी राशन दुकान से अनाज का कोटा प्राप्त करने में सहूलियत होगी। यह प्रवासियों के लिए काफी उपयोगी होगी।

पृष्ठभूमि

  • अभी तक राशन कार्ड धारक कार्ड जारी करने वाले राज्य के भीतर अवस्थित राशन की दुकानों से ही आवश्यक वस्तुएं खरीदने के हकदार थे।
  • हालांकि, 2011 की जनगणना के अनुसार, 4.1 करोड़ लोग अंतर-राज्य (inter-state) प्रवासी थे।
  • एक राज्य के राशन कार्ड धारक को दूसरे राज्य में अपने मूल राशन कार्डों से सब्सिडी वाले आवश्यक वस्तुओं का लाभ उठाने के लिए कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है।

विश्लेषण

  • प्रवासियों की कम सौदेबाजी की शक्ति: एक प्रवासी की सौदेबाजी की क्षमता कम होती है, जो आमतौर पर प्रवासी परिवारों के निर्वहन की लागत को बढ़ा देता है।
  • विवाह के बाद महिलाओं का प्रवासनः विवाह के बाद एक महिला को अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपने पति के परिवार के साथ रहना पड़ता है, अतः उस महिला का नाम नए राशन कार्ड में शामिल होना चाहिए।
  • राशन कार्ड पर नियंत्रणः स्थानीय असमानता और सामाजिक संबंधों की जटिलता पीडीएस तक पहुँच के निर्धारण में प्रमुख कारक है। महिलाओं, निम्न जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राशन कार्ड जारी किये जाने में भेदभाव किया जाता है।
  • सेवा की खराब गुणवत्ताः निम्न गुणवत्ता वाले अनाज और सेवाओं की खराब गुणवत्ता के बारे में अक्सर शिकायत आती है, यह खासतौर पर समाज के कमजोर समुदायों के लिए सत्य है। पीडीएस से अनाज लेने के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है और यहां तक कि उन्हें कभी-कभी मौखिक दुर्व्यवहार भी झेलना पड़ता है। कई बार पात्रता से इनकार किया जाता है, जिससे परिवारों को अनाज नहीं मिलती है या वे उस कीमत का भुगतान नहीं कर पाते हैं, जिसके वे हकदार हैं।
  • बेहतर प्रतिस्पर्द्धाः प्रतिस्पर्द्धा के माध्यम से पीडीएस में सुधार लाने की आवश्यकता है। ONORC पीडीएस डीलर से सौदेबाजी की शक्ति को लाभार्थियों की ओर स्थानांतरित कर सकता है। ONORC उन लाभार्थियों को पीडीएस दुकान चुनने की सुविधा देता है, जिनकी सेवा की गुणवत्ता सबसे अच्छी हो।
  • गतिशीलता (Mobility): वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना इन समस्याओं को खत्म करने का प्रयास करती है। ONORC के लागू होने के बाद लाभार्थी पूरे भारत में किसी भी राशन की दुकान पर आवश्यक वस्तुओं को खरीद सकेंगे।
  • वर्तमान स्थितिः वर्तमान में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा 12 राज्य हैं, जहां राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू की गई है। इसे 1 जून, 2020 से पूरे देश में लागू किया जाएगा।

सुझाव

इस पोर्टेबिलिटी स्कीम के तहत लाभार्थी अपने पात्रता का 50 प्रतिशत लाभ ही उठा सकते हैं। इसे जल्द से जल्द 100 प्रतिशत बनाया जाना चाहिए; क्योंकि खाद्य और पोषण ‘नॉन-निगोशिएबल’अधिकार है।

  • किसी भी वितरण तंत्र के काम करने के लिए संपूर्ण मूल्य शृंखला की बारीकी से निगरानी और बुनियादी ढांचे का समर्थन आवश्यक होता है।
  • सरकार पीडीएस को बेहतर निगरानी और नियंत्रण के माध्यम से सुधार कर सकती है; जो पीडीएस डीलर बेहतर प्रदर्शन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जा सकता है और खराब सेवा प्रदान करने वाले पीडीएस को दंडित किया जाना चाहिए।
  • ONORC के साथ डिजिटलाइजेशन, प्रणाली को अधिक लाभकारी और स्वतः सही करने वाला (self-correcting) बना देगा।
  • पीडीएस की दुकानों पर पॉइंट ऑफ सेल (PoS) सिस्टम की उपलब्धता बढ़ाना चाहिए और सुचारु कार्यप्रणाली सुनिश्चित किया जाना चाहिए।