समग्र शिक्षा योजना

समग्र शिक्षा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक की विद्यालयी शिक्षा से संबंधित एक एकीकृत योजना है, जो पूर्व में संचालित सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा तथा शिक्षक शिक्षा संस्थान को सम्मिलित कर शुरू की गई है। इसका मुख्य लक्ष्य विद्यालयी शिक्षा में सुधार कर इसकी गुणवत्ता को बढ़ाना है।

सर्व शिक्षा अभियान द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा (1 से 8 तक) को, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में कक्षा 9 से 12 तक तथा शिक्षक शिक्षा संस्थानों के अंतर्गत सेवापूर्व तथा सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण गुणवत्ता को बढ़ाने और मॉनीटर करने संबंधी कार्यों को रखा गया है।

इस योजना का दृष्टिकोण शिक्षा में सतत विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्री-स्कूल से उच्च माध्यमिक स्तर तक समावेशी तथा समान शिक्षा को सुनिश्चित करना है, जिससे कार्य क्षमता और बजट का सही उपयोग किया जा सके। योजना के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाने का प्रावधान।
  • स्कूली शिक्षा के अंतर्गत सामाजिक तथा लैंगिक अंतर को पाटना
  • स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर समानता और समावेश सुनिश्चित करना।
  • स्कूली प्रावधानों में न्यूनतम मानकों को सुनिश्चित करना।
  • शिक्षा के व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना।
  • निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को लागू करने में राज्यों की सहायता करना।
  • शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में राज्य शिक्षा संस्थानों (एससीईआरटी) और डाइट का मजबूती प्रदान करना।
  • विद्यालयी शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर समानता तथा समावेश को ध्यान में रखना।
  • विद्यार्थियों हेतु शिक्षा तथा सीखने के प्रतिफलों में विकास संबंधी प्रावधान।