स्वदेश दर्शन योजना

भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय (MoT) ने 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन परिपथ के एकीकृत विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना (सेंट्रल सेक्टर स्कीम) शुरू की। इस योजना का भारत सरकार की अन्य योजनाओं (जैसे स्वच्छ भारत अभियान, कौशल भारत, मेक इन इंडिया इत्यादि) के साथ तालमेल बैठाया गया है, जिससे पर्यटन क्षेत्र की क्षमता का उपयोग कर रोजगार सृजन का प्रमुख इंजन बनाया जा सके।

मिशन के उद्देश्य

योजनाबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर पर्यटक क्षमता वाले परिपथों को विकसित करना।

  • पहचाने गए थीम आधारित परिपथों में अवसंरचना का एकीकृत विकास। देश के सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देना।
  • विभिन्न प्रकार के थीम वाले परिपथों के साथ पूर्ण पर्यटन का अनुभव प्रदान करना।
  • परिपथ गंतव्य में विश्व स्तरीय अवसंरचना के विकास द्वारा सतत रूप से पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ाना।
  • समुदाय आधारित विकास और गरीबोन्मुख पर्यटन संकल्पना का पालन करना।
  • आय के स्रोतों में वृद्धि, जीवन स्तर के मानकों में सुधार और क्षेत्र के समग्र विकास के संदर्भ में स्थानीय समुदायों में उनके लिए पर्यटन के महत्व के विषय में जागरुकता उत्पन्न करना।
  • पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका पैदा करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, व्यंजन आदि को बढ़ावा देना।
  • पर्यटन क्षमता का रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसके प्रत्यक्ष तथा गुणक प्रभावों के लिए दोहन एवं सार्वजनिक पूंजी व विशेषज्ञता का लाभ उठाना।

पर्यटन परिपथ की परिभाषा

पर्यटन परिपथ को एक मार्ग के रूप में परिभाषित किया गया है; जिसमें कम से कम तीन प्रमुख अलग-अलग पर्यटन स्थल हैं।

  • इस योजना के तहत परियोजनाएँ निम्नलििखत चिह्नित विषयों के अंतर्गत होंगी; इकोटूरिज्म, वन्यजीव, बौद्ध, मरुस्थल, आध्यात्मिक, रामायण, कृष्णा, तटीय, पूर्वोत्तर, ग्रामीण, हिमालय, जनजातीय और धरोहर।
  • 30 जनवरी, 2019 को सरकार ने जीरो पॉइंट, गंगटोक, सिक्किम में स्वदेश दर्शन परियोजना के तहत पहली परियोजना का उद्घाटन किया। इस परियोजना को आधिकारिक तौर पर पूर्वोत्तर सर्किट का विकास; रंगपो, रोराथांग, अरितर, फदमचेन, नाथांग, शेरथांग, तोगमो, गंगटोक, फोडोंग, मंगन, लाचुंग, युमथांग, लाचेन, थंगु, गुरुडोंगमर, मंगन, गंगटोक, टड्ढुमिनलिंगी, सिंगताम नाम दिया गया है।

योजना की संकल्पना

आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के एक प्रमुऽ इंजन के रूप में पर्यटन को स्थापित करना।

  • वैश्विक ब्रांड के रूप में भारत को बढ़ावा देना और तेजी से बढ़ते वैश्विक यात्रा व्यापार के गंतव्य के रूप में भारत की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का लाभ लेना।
  • एक विश्वस्तरीय पर्यटक गंतव्य के रूप में भारत को विकसित करना और अद्वितीय उत्पादों की व्यापक रेंज का प्रदर्शन करना।
  • थीम आधारित परिपथों में विश्वस्तरीय अवसंरचना का विकास करना और पूर्ण पर्यटन अनुभव प्रदान करना।
  • ब्रांड और प्रतियोगी क्षमता का संवर्द्धन करते हुए गुणवत्ता और दक्षता सुनिश्चित करना।
  • अवसंरचना विकास के साथ पर्यटन के क्षेत्र में व्यावसायिकता और आधुनिकता का विकास करना।
  • पर्यटन क्षेत्र की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए थीम आधारित परिपथों के विकास में राष्ट्रीय और राज्य संसाधनों का निवेश करना।
  • पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक संरक्षण के साथ ईको-पर्यटन जैसे थीम आधारित परिपथों को विकसित करना।
  • एक ‘उत्तरदायी पर्यटन’ पहल का विकास करना, जो सतत और समावेशी तरीके से गरीबोन्मुख दृष्टिकोण अपनाकर स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से रोजगार का सृजन करे।