असमिया ‘गमोचा’ को जीआई टैग

हाल ही में असम की संस्कृति और पहचान के प्रतीक ‘गमोचा’ को पहला आवेदन किए जाने के 5 वर्ष के पश्चात केंद्र सरकार से भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त हो गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • असम सरकार द्वारा ‘भौगोलिक संकेतक पंजीकरण और संरक्षण अधिनियम, 1999’ के तहत हथकरघा और कपड़ा निदेशालय के पक्ष में जीआई टैग पंजीकृत किया गया है।
  • वर्ष 2017 में गोलाघाट जिले के हस्तशिल्प विकास संस्थान द्वारा जीआई टैग के लिए एक आवेदन दायर किया गया था।
  • भारत में जीआई टैग की कुल संख्या 432 हो गई है।
  • अधिकतम जीआई टैग वाले शीर्ष 4 राज्य- कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक।
  • बेपोर उरुः हाल ही में जिला पर्यटन संवर्धन परिषद, कोझिकोड, केरल ने प्रसिद्ध बेपोर उरु (नाव) के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग के लिए आवेदन किया है। यह केरल के बेपोर में कुशल कारीगरों और बढ़ई द्वारा दस्तकारी की गई एक लकड़ी का जहाज/नौकायन नाव है।

असमिया गमोचा

  • ‘गमोचा’ का शाब्दिक अर्थ तौलिया होता है और आमतौर पर असमिया घरों में दिन-प्रतिदिन उपयोग किया जाता है। यह लाल बॉर्डर और विभिन्न डिजाइनों के साथ हाथ से बुना हुआ आयताकार सूती कपड़ा है, जिसे पारंपरिक रूप से बुजुर्गों और मेहमानों को असमिया लोगों द्वारा सम्मान के प्रतीक के रूप में पेश किया जाता है। यह राज्य में सभी सामाजिक-धार्मिक समारोहों का एक अभिन्न अंग है और इसे असमिया पहचान और गौरव के रूप में माना जाता है।
  • ‘बिहू’ उत्सव के दौरान आदान-प्रदान के लिए बने ‘गमोचा’ को ‘बिहुवान’ के नाम से जाना जाता है।

राज्य परिदृश्य