संसद टीवी

भारत के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त रूप से 15 सितंबर, 2021 को संसद भवन एनेक्स (Parliament House Annexe) के मुख्य समिति कक्ष में ‘संसद टीवी’ का शुभारंभ किया।

संसद टीवी के बारे में: फरवरी 2021 में लोक सभा टीवी एवं राज्य सभा टीवी के विलय का निर्णय लिया गया और मार्च 2021 में रवि कपूर को संसद टीवी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया।

  • संसद टीवी के कार्यक्रम मुख्य रूप से इन 4 श्रेणियों में होंगे - संसद एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं में कामकाज, गवर्नेंस एवं योजनाओं/नीतियों का कार्यान्वयन, भारत का इतिहास एवं संस्कृति, और समसामयिक मुद्दे/हित/चिंताएं।
  • हालांकि चैनलों को एकल इकाई में एकीकृत किया जा रहा है, यह संसद सत्रा के दौरान दो प्लेटफार्मों पर काम करेगा - एक लोक सभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने के लिए और दूसरा राज्य सभा के लिए।
  • नवंबर 2019 में, प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसने संसद के लिए एक एकीकृत चैनल की सिफारिश की थी।

जीके फ़ैक्ट

  • लोक सभा टीवी की शुरुआत जुलाई 2006 में हुई थी। यह पूर्व लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के दिमाग की उपज थी। राज्य सभा टीवी को 2011 में लॉन्च किया गया था।

प्रश्नोत्तर-सार

जनजातीय विश्वविद्यालयों की स्थापना

मुख्य रूप से देश की जनजातीय आबादी के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं के अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने पहले से ही दो केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालयों नामतः इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक और आंध्र प्रदेश केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, विजयनगरम की स्थापना की है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में अन्य बातों के साथ-साथ तेलंगाना में एक नए केंद्रीय जनजाति विश्वविद्यालय की स्थापना का अधिदेश है। यह विश्वविद्यालय संसद द्वारा अधिनियमित होने के बाद कार्य करेगा। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में कई केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जो क्षेत्र के आदिवासी युवाओं की उच्च शिक्षा की आकांक्षाओं को भी पूरा करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ‘राष्ट्रीय आरोग्य निधि’ की छत्राक योजना के एक घटक ‘स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि’ (Health Minister's Cancer Patient Fund: HMCPF) के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले और कैंसर से पीडि़त गरीब रोगियों के इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करता है। उक्त वित्तीय सहायता क्षेत्रीय कैंसर केन्द्रों/तृतीयक देखभाल कैंसर केन्द्रों, राज्य कैंसर संस्थानों तथा कैंसर उपचार सुविधाओं वाले अन्य सरकारी अस्पतालों में उनके उपचार के लिए प्रदान की जाती है। इसमें पहले से किए गए खर्च की कोई प्रतिपूर्ति (reimbursement) नहीं की जाती है। स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि के तहत 2018-19 में 1773 रोगियों, 2019-20 में 2264 रोगियों को तथा 2020-21 में 1384 रोगियों को सहायता प्रदान की गई है।

राष्ट्रीय परिदृश्य