मिशन वात्सल्य योजना

7 जुलाई, 2022 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मिशन वात्सल्य योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे। पूर्व में इस योजना को बाल संरक्षण सेवा योजना के रूप में जाना जाता था।

मिशन वात्सल्य योजना के बारे में: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए 2009-10 से एक केन्द्र प्रायोजित योजना मिशन वात्सल्य योजना शुरू की थी।

  • मिशन वात्सल्य का लक्ष्य भारत के हर बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खिुशहाल बचपन सुनिश्चित करना, उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिए अवसर प्रदान करना, विकास के लिए सहायता प्रदान करना, उनके लिए ऐसी संवेदनशील, समर्थनकारी और समकालिक इको-व्यवस्था स्थापित करना है, जिसमें उनका पूर्ण विकास हो सके।
  • मिशन वात्सल्य बच्चों के संस्थागतकरण के सिद्धांत के आधार पर कठिन परिस्थितियों में बच्चों की परिवार-आधारित गैर-संस्थागत देखिभाल को बढ़ावा देता है।
  • ये किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अधिदेश को पूरा करने में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रें की सहायता करता है।
  • मिशन वात्सल्य के कार्यों में सांविधिक निकायों के कामकाज में सुधार लाना, सेवा प्रदान करने के ढांचे को मजबूत बनाना, संस्थागत देखिभाल और सेवाओं के स्तर में वृद्धि करना, गैर-संस्थागत समुदाय आधारित देखिभाल को प्रोत्साहित करना, आपात स्थिति में पहुंच उपलब्ध कराना तथा प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शामिल हैं। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपने यहां इस योजना को लागू करने के लिए मंत्रालय के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • मिशन वात्सल्य को केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना के तौर पर केन्द्र तथा राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों की सरकारों के बीच निर्धारित लागत बंटवारा अनुपात के अनुरूप लागू किया जाएगा।