प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना

हाल ही में आंध्र प्रदेश राज्य ने खरीफ सीजन से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में पुनः शामिल होने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में: इस योजना को वर्ष 2016 में आरंभ किया गया था, जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।

  • इसके माध्यम से राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (National Agricultural Insurance Scheme) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (National Agricultural Insurance Scheme) को परिवर्तित कर दिया गया था।
  • योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों एवं बीमारियों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसलों में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • खेती में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना और किसानों को नवीन एवं आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • इसके तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली निर्धारित बीमा किस्त/प्रीमियम, खिरीफ की सभी फसलों के लिये 2% और सभी रबी फसलों के लिये 1-5% है। वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के मामले में बीमा किस्त 5% है।
  • किसानों के हिस्से की प्रीमियम लागत का वहन राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में बराबर साझा किया जाता है।
  • हालाँकि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत बीमा किस्त सब्सिडी का 90% हिस्सा वहन किया जाता है।
  • किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी को सक्षम करते हुए इस योजना को 2020 में नया रूप दिया गया। इससे किसान के लिए फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के 72 घंटे के भीतर फसल नुकसान की रिपोर्ट करना सुविधाजनक हो गया है।