दिशा योजना

हाल ही में कानून और न्याय मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया है कि ‘न्याय तक समग्र पहुंच के लिये अभिनव समाधान तैयार करना (Designing Innovative Solutions for Holistic Access to Justice- DISHA) योजना पांच वर्ष (2021-2026)’ की अवधि के लिये शुरू की गई थी।

उदेश्यः भारत के संविधान की प्रस्तावना तथा अनुच्छेद 39A, 14 और 21 के तहत भारत के लोगों के लिये ‘न्याय’ सुरक्षित करना है।

घटकः वर्तमान में दिशा के अंतर्गत तीन घटक हैं-

  • टेली-लॉः वंचितों तक पहुंच (रिचिंग द अनरीच्ड); यह एक ई-इंटरफेस तंत्र है, जो मुकदमेबाजी से पहले के चरण में विधिक सलाह और परामर्श प्रदान करता है। यह पंचायत स्तर पर स्थित जन सेवा केंद्रों (CSC) पर उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेलीफोनिक सुविधाओं के माध्यम से जरूरतमंद और हाशिये पर रह रहे लोगों को विधिक सहायता के लिये वकीलों के पैनल से जोड़ता है।
  • न्याय बंधु कार्यक्रमः न्याय बंधु (प्रो. बोनो लीगल सर्विसेज) कार्यक्रम का उद्देश्य वंचित वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता और परामर्श प्रदान करना है। न्याय बंधु मोबाइल एप्लीकेशन, एंड्रॉइड और आईओएस फोन के लिये पंजीकृत प्रो-बोनो अधिवत्तफ़ाओं को पंजीकृत आवेदकों से जोड़ने के लिये विकसित किया गया है।
  • विधिक जागरुकता कार्यक्रमः विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत अनुशंसित राष्ट्रीय, राज्य और जिला एवं तालुक स्तर पर एक अधिक मजबूत ढांचे के साथ कानूनी सेवा संस्थान नेटवर्क प्रदान करना।

मुख्य बिन्दु

  • इसे अिखल भारतीय स्तर पर न्याय तक पहुंच पर एक व्यापक, समग्र, एकीकृत और व्यवस्थित समाधान प्रदान करने के लिये लॉन्च किया गया था।
  • यह कानूनी सेवाओं का नागरिक-केंद्रित वितरण के लिये विभिन्न कार्यक्रमों को डिजाइन और समेकित करताहै।