व्यापार पर वर्चस्व स्थापित करने से लेकर भू-राजस्व एकत्र करने तक की ब्रिटिश आर्थिक नीति के बीच एक स्पष्ट समय सीमा थी। स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः ब्रिटिश व्यापारी शुरू में व्यापारिक उद्देश्यों के लिए भारत आए थे, किंतु जैसे-जैसे ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति तथा आर्थिक हितों में बदलाव आए, वैसे-वैसे भारत में भी उनकी आर्थिक नीतियां परिवर्तित होती रहीं।

  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने आरंभ वाणिज्यवादी नीति का पालन किया। भारत के व्यापार पर उनका पूर्ण प्रभुत्व था। इस संबंध में, उन्होंने भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एक एजेंट के रूप में कार्य किया। उनकी नीतियों को उनके हितों के अनुरूप ब्रिटेन की घटनाओं ने आकार दिया।
  • ‘वाणिज्यवाद’ का पहला चरण (1757-1813) प्रत्यक्ष लूट में से एक था, जिसमें भारतीय राजस्व अधिशेष का उपयोग इंग्लैंड को ....
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