NIIMH को WHO सहयोगी केंद्र के रूप में नामित किया गया
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान (NIIMH) को “पारंपरिक चिकित्सा में मौलिक और साहित्यिक अनुसंधान” (Fundamental and Literary Research in Traditional Medicine) के लिए WHO-सहयोगी केंद्र के रूप में नामित किया है। यह प्रतिष्ठित मान्यता 3 जून, 2024 से शुरू होने वाली 4 साल की अवधि के लिए दी गई है।
- यह मान्यता 3 जून, 2024 से शुरू होने वाली 4 वर्षीय अवधि के लिए प्रदान की गई है। NIIMH "पारंपरिक चिकित्सा में मौलिक और साहित्यिक अनुसंधान" के लिए पहला डब्ल्यूएचओ सहयोगी केंद्र है
- भारत में बायोमेडिसिन और संबद्ध विज्ञान के विभिन्न ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन - ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP)
- 2 11वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र सम्मेलन
- 3 पराली जलाने पर किसानों की “चयनात्मक गिरफ़्तारी” की सिफ़ारिश
- 4 मोटर दुर्घटना मुआवजे में न्यूनतम वेतन निर्धारण में कार्य की प्रकृति जरूरी
- 5 मानहानि कानून को अपराधमुक्त करने का समय: सुप्रीम कोर्ट
- 6 मानकी–मुंडा प्रणाली
- 7 राजनीतिक दल POSH अधिनियम के दायरे में नहीं
- 8 महिलाओं के सशक्तीकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- 9 रक्षा खरीद नियमावली (DPM) 2025
- 10 28वां राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन (NCeG), 2025

- 1 नरेन्द्र मोदी : लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री
- 2 विशेषाधिकार समिति ने 12 सांसदों को कदाचार का दोषी पाया
- 3 लोक सभा में विपक्ष का नेता
- 4 कलात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- 5 ओम बिरला 18वीं लोक सभा के स्पीकर
- 6 केरल द्वारा नाम बदलकर 'केरलम' करने की मांग
- 7 कस्टोडियल डेथ मामले में ओडिशा सरकार को नोटिस
- 8 पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में 65% आरक्षण को रद्द किया
- 9 एआईएम–आईसीडीके वॉटर चैलेंज 4.0