सिंहाचलम मंदिर
- पारंपरिक निर्माण विधियों का उपयोग अप्रैल में शुरू हुआ सिंहाचलम मंदिर का जीर्णोद्धार और संरक्षण का कार्य अब 80% पूर्ण हो चुका है।
- यह विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में अवस्थित है।
- यह भगवान विष्णु के नरसिम्हा अवतार को समर्पित है इसलिए इसे वराह लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
- विशेषताएं: ओडिशा और चालुक्य स्थापत्य शैलियों का संगम; मंदिर का मुख पश्चिम की ओर है।
- इसकी निर्माण तिथि स्पष्ट नहीं, लेकिन एक शिलालेख चोल शासक कुलोत्तुंग-I (ई.स. 1098-99) से संबंधित ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
इतिहास व कला एवं संस्कृति
- 1 हैली धूमकेतु का पहला भारतीय अभिलेखीय साक्ष्य
- 2 असम में नवपाषाणकालीन आवास
- 3 पांड्य कालीन मंदिर और शिलालेख
- 4 कच्छ में पूर्व-हड़प्पा तटीय बस्तियां
- 5 लक्सर में तीन कब्रों की खोज
- 6 सेंट सोफिया कैथेड्रल
- 7 यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की टेंटेटिव लिस्ट
- 8 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
- 9 संत कबीरदास
- 10 पोसोन पोया (Poson Poya)
- 11 खीर भवानी मंदिर
- 12 सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी