हैली धूमकेतु का पहला भारतीय अभिलेखीय साक्ष्य
हाल ही में श्रीशैलम के मल्लिकार्जुनस्वामी मंदिर में 15वीं शताब्दी के एक ताम्रपत्र शिलालेख में हैली धूमकेतु का पहला भारतीय अभिलेखीय संदर्भ पाया गया।
- यद्यपि प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय ग्रंथों में 'धूमकेतु' (धूमकेतु) का उल्लेख मिलता है, लेकिन यह पहला अभिलेखीय साक्ष्य है, जो खोजा गया है।
- यह ताम्रपत्र शिलालेख संस्कृत भाषा में नागरी लिपि में लिखा गया है।
- यह ताम्रपत्र शिलालेख 78 तांबे के पत्तों का संग्रह है।
- इसमें धूमकेतु के दिखने और उसके बाद उल्कापात का उल्लेख प्राप्त होता है।
- ये घटनाएं ऐतिहासिक रूप से 1456 ई. में हैली धूमकेतु के दिखने से मेल खाती हैं।
- यह ताम्रपत्र शिलालेख 1456 ई. का है, जो ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
इतिहास व कला एवं संस्कृति
- 1 असम में नवपाषाणकालीन आवास
- 2 पांड्य कालीन मंदिर और शिलालेख
- 3 कच्छ में पूर्व-हड़प्पा तटीय बस्तियां
- 4 लक्सर में तीन कब्रों की खोज
- 5 सेंट सोफिया कैथेड्रल
- 6 यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की टेंटेटिव लिस्ट
- 7 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
- 8 संत कबीरदास
- 9 पोसोन पोया (Poson Poya)
- 10 खीर भवानी मंदिर
- 11 सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी
- 12 सिंहाचलम मंदिर