अंतरिक्ष में भारत की ऊंची उड़ान
- आदित्य एल-1 और चंद्रयान-3 जैसे वर्ष 2023 में संपन्न किए गए महत्वपूर्ण मिशन इसरो द्वारा पहले से ही विकसित ‘यूनिवर्सल नेविगेशन गाइडेंस’ और ‘कंट्रोल प्रणालियों’ की आधुनिकतम टेक्नोलॉजी की क्षमता के कारण ही सफल हुए हैं।
- वर्तमान समय में इसरो विश्व की उन पांच प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों में शामिल हो गया है, जिनके पास पृथ्वी के अध्ययन, संचार, नेविगेशन और गृह संबंधी खोजों की पूर्ण क्षमता है।
- अपनी अनूठी अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के आधार पर इसरो चार सक्रिय प्रक्षेपण यानों की सहायता से पृथ्वी की निचली, मध्य तथा उच्च कक्षा में 500 किलोग्राम से 8000 किलोग्राम तक के पेलोड अंतरिक्ष ....
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पत्रिका सार
- 1 भारत, एक उभरती हुई शक्ति
- 2 खेल कौशलः ऐतिहासिक जीत का वर्ष
- 3 आवागमन का पुनर्निर्धारणः भारत में परिवहन परिदृश्य में बदलाव
- 4 भारत का उद्योग क्षेत्र
- 5 कृषि और ग्रामीण विकासः प्रमुख पहल और उपलब्धिायां
- 6 आत्मनिर्भर होते गांवः पंचायती राज मंत्रालय की भूमिका
- 7 आकांक्षी जिला और ब्लॉक कार्यक्रम
- 8 किसानों का तकनीकी सशक्तीकरण
- 9 उद्योगों से मजबूत होती आत्मनिर्भर गांव की संकल्पना
- 10 ‘लखपति दीदी’ एक अनूठी पहल
- 11 डिजिटल रूप से सशक्त गांव की ओर
- 12 गांवों में आर्थिक विकास को बढ़ावा
- 13 आत्मनिर्भर गांव में कृषि की भूमिका
- 14 पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हथकरघा और हस्तशिल्प कारीगर
- 15 पेट्रीफाइड लकड़ी
- 16 प्रिंस रूबर्ट ड्रॉप्स
- 17 क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण तथा रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार
- 18 भौतिकी में 2023 का नोबेल पुरस्कार
- 19 COVID mRNA वैक्सीन के अग्रदूतों को चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार
- 20 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2022