डिजिटल रूप से सशक्त गांव की ओर
- संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के परिप्रेक्ष्य में वैश्विक खाद्य प्रणाली को पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचाए बिना वर्ष 2050 तक 9 अरब से अधिक लोगों का भरण-पोषण करने में सक्षम होना चाहिए।
- डिजिटलीकरण इस दिशा में एक समाधान के रूप में उभरा है। डिजिटल प्रौद्योगिकियों के समावेशन द्वारा चिह्नित औद्योगिक क्रांति 4.0 ऐतिहासिक संस्थाओं के विपरीत परिवर्तनकारी क्षमता रखती है।
- कृषि क्षेत्र में समानांतर रूप से डिजिटलीकरण पर आधारित ‘कृषि 4.0’ के रूप में नवीन क्रांति आरंभ हो रही है।
- ‘कृषि 4.0’ में न केवल पैराडाइम शिफ्रट डिजिटलीकरण, स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को एकीकृत किया जा रहा है, ....
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पत्रिका सार
- 1 अंतरिक्ष में भारत की ऊंची उड़ान
- 2 भारत, एक उभरती हुई शक्ति
- 3 खेल कौशलः ऐतिहासिक जीत का वर्ष
- 4 आवागमन का पुनर्निर्धारणः भारत में परिवहन परिदृश्य में बदलाव
- 5 भारत का उद्योग क्षेत्र
- 6 कृषि और ग्रामीण विकासः प्रमुख पहल और उपलब्धिायां
- 7 आत्मनिर्भर होते गांवः पंचायती राज मंत्रालय की भूमिका
- 8 आकांक्षी जिला और ब्लॉक कार्यक्रम
- 9 किसानों का तकनीकी सशक्तीकरण
- 10 उद्योगों से मजबूत होती आत्मनिर्भर गांव की संकल्पना
- 11 ‘लखपति दीदी’ एक अनूठी पहल
- 12 गांवों में आर्थिक विकास को बढ़ावा
- 13 आत्मनिर्भर गांव में कृषि की भूमिका
- 14 पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हथकरघा और हस्तशिल्प कारीगर
- 15 पेट्रीफाइड लकड़ी
- 16 प्रिंस रूबर्ट ड्रॉप्स
- 17 क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण तथा रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार
- 18 भौतिकी में 2023 का नोबेल पुरस्कार
- 19 COVID mRNA वैक्सीन के अग्रदूतों को चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार
- 20 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2022