लाचित बोरफुकन

  • 24 नवंबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाचित दिवस के अवसर पर लाचित बोरफुकन को याद करते हुए उन्हें साहस, देशभक्ति और सच्चे नेतृत्व का प्रतीक बताया।
  • लाचित बोरफुकन (जन्म: 24 नवंबर 1622, असम) को मीर जुमला के आक्रमण के बाद असम (अहोम साम्राज्य) को मुगल कब्ज़े से मुक्त कराने हेतु सर्वोच्च सेनापति के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • सरायघाट का युद्ध (1671): लाचित ने नदी-आधारित नौसैनिक युद्धकला और गुरिल्ला रणनीति के बल पर राजा राम सिंह के नेतृत्व वाली मुगल सेना को निर्णायक रूप से हराया, जिससे पूर्वोत्तर में मुगल विस्तार रुक गया और असम की संप्रभुता सुरक्षित ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

इतिहास व कला एवं संस्कृति