पिपरहवा पुरावशेष
- हाल ही में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने सोथबी हांगकांग द्वारा पवित्र पिपरहवा अवशेषों की नीलामी को रोकने के लिए तुरंत और व्यापक कदम उठाए हैं, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- इन पुरावशेषों की खोज पिपरहवा स्तूप से 1898 में विलियम क्लैक्सटन पेप्पे द्वारा की गई थी, आधुनिक पिपरहवा प्राचीन कपिलवस्तु शहर का एक स्थल था, जो भगवान बुद्ध की जन्मस्थली भी है।
- पिपरहवा अवशेष में अस्थि के टुकड़े, सोपस्टोन और क्रिस्टल के ताबूत, एक बलुआ पत्थर का संदूक, सोने के आभूषण और रत्न जैसे चढ़ावे शामिल हैं। यह ....
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