सोनभद्र में फ्लोराइड प्रदूषण का संकट

हाल ही में सोनभद्र के भूजल में फ्लोराइड विषाक्तता के गंभीर मामले सामने आए हैं तथा यहां के कुछ गांवों में इसका प्रदूषण स्तर निर्धारित सीमा से 5–6 गुना अधिक पाया गया है।

  • फ्लोराइड एक प्राकृतिक, जैव निम्नीकरणीय (नॉन-बायोडिग्रेडेबल) प्रदूषक है, जो मिट्टी, जल, वायु और खनिजों में पाया जाता है।
  • WHO के अनुसार, पीने के पानी में फ्लोराइड की सुरक्षित सीमा 1.5 मि.ग्रा./लीटर है।
  • सीमित मात्रा में यह दांतों की सड़न रोकता है और हड्डियों को मज़बूती देता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में यह दंत व कंकाल फ्लोरोसिस, जोड़ों की कठोरता और हड्डियों ....
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