2014 तक विकास के अनुभव से सीख

खुली अर्थव्यवस्था में परिवर्तन (1950-1980)

  • आयात प्रतिस्थापन से उदारीकरण, निर्यात प्रोत्साहन और प्रौद्योगिकी एकीकरण की ओर परिवर्तन।
  • आयात उदारीकरण, निर्यात प्रोत्साहन और राजकोषीय नीतियों ने विकास में भूमिका निभाई।

निवेश पैटर्न में परिवर्तन (1970-1980)

  • सार्वजनिक क्षेत्र के प्रभुत्व से सार्वजनिक और निजी निवेश के सह-अस्तित्व की ओर परिवर्तन।
  • 1990 के दशक के बाद से निजी क्षेत्र विकास का एक प्रमुख इंजन बन गया।

विकास चालक के रूप में प्रौद्योगिकी (1980 के दशक के बाद)

  • उदारीकरण के बाद प्रौद्योगिकी की पहचान प्रमुख विकास चालक के रूप में की गई।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी का धीमा लेकिन स्थिर उपयोग।

2014 ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

भारतीय अर्थव्यवस्था - एक समीक्षा