मनी लॉन्ड्रिंग : सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभाव तथा चुनौतियां
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) को प्रदत्त व्यापक शक्ति का समर्थन किया है। पिछले कुछ समय से धन शोधन निवारण अधिनियम (PLMA) चर्चा का विषय रहा है।
- इस संदर्भ में, 21 मार्च, 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्रतार किया गया।
- इसी प्रकार, वित्त मंत्रालय की फाईनैंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (FIU-IND) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 13(2)(D) के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) पर 5 करोड़ 49 लाख रुपये का जुर्माना लगाया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में मोटापे की समस्या: सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती
- 2 प्रौद्योगिकी आपदा प्रबंधन में किस प्रकार सहायक हो सकती है? - नूपुर जोशी
- 3 भारत-सिंगापुर: द्विपक्षीय सहयोग के नये क्षितिज की ओर
- 4 भू-तापीय ऊर्जा नीति 2025: शुद्ध शून्य उत्सर्जन की तरफ भारत का संक्रमण - सत्य प्रकाश
- 5 अमेरिका द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि: भारत के लिए संकट या संभावना
- 6 भारत और उच्च समुद्र संधि: समुद्री संसाधन संरक्षण हेतु राष्ट्रीय कानून की पहल - गोविंद सिंह
- 7 साइबर अपराध के बढ़ते खतरे: प्रभाव, सुरक्षा उपाय एवं रोकथाम रणनीतियां
- 8 न्यायिक प्रणाली में एआई: दक्षता का साधन या निर्णय प्रक्रिया के लिए चुनौती?
- 9 भारत-जापान: रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में गहन सहयोग
- 10 भारत में चुनावी पारदर्शिता