भारत में पारिवारिक मूल्यों का क्षरण एक गंभीर चिंता: सर्वोच्च न्यायालय
मार्च 2024 में, सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में पारिवारिक मूल्यों के क्षरण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश 'एक व्यक्ति, एक परिवार' की अवधारणा की ओर बढ़ रहा है।
- अदालत ने यह भी माना कि माता-पिता अपने स्व-अर्जित संपत्ति से बच्चों को केवल तभी बेदखल कर सकते हैं, जब यह उनकी (माता-पिता की) सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हो।
- उल्लेखनीय है कि परिवार केवल एक सामाजिक इकाई नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों का केंद्र भी है।
- भारतीय समाज में पारिवारिक संबंधों की अहमियत सदियों से बनी हुई है, लेकिन आधुनिक परिवर्तनों के चलते ....
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