श्रम-प्रधान क्षेत्रों में पीएलआई योजना के विस्तार की सिफारिश

  • हाल ही में वाणिज्य पर संसदीय स्थायी समिति ने देश के विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना को श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे रसायन, चमड़ा, परिधान और हस्तशिल्प तक विस्तारित करने की सिफारिश की है।
  • वर्तमान में PLI योजना 14 क्षेत्रों में लागू है, जिनमें मोबाइल फोन, ड्रोन, दूरसंचार, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, विशेष इस्पात और दवाएं आदि शामिल हैं।
  • वर्ष 2020 में शुरू की गई पीएलआई योजना का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना, आयात पर निर्भरता कम करना तथा सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

करेंट अफेयर्स न्यूज़