​"विश्व के मैंग्रोव की स्थिति 2024" रिपोर्ट

विश्व मैंग्रोव दिवस (26 जुलाई, 2024) पर ग्लोबल मैंग्रोव एलायंस (जीएमए) द्वारा विश्व मैंग्रोव स्थिति 2024 रिपोर्ट जारी की गई ।

  • यह 2020 को आधार रेखा मानकर 1.47 लाख वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करते हुए वैश्विक मैंग्रोव वनों का उपग्रह-आधारित मूल्यांकन प्रदान करता है।

मुख्य निष्कर्ष

  • गंभीर रूप से संकटग्रस्त मैंग्रोव: बढ़ते समुद्री स्तर के कारण लक्षद्वीप द्वीपसमूह और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं ।
  • संकटग्रस्त मैंग्रोव: पश्चिमी समुद्र तट (गुजरात से केरल) पर स्थित, विनाश के खतरे का सामना कर रहे हैं।
  • मैंग्रोव हानि के प्रमुख कारण (2000-2020): जलकृषि, तेल ताड़ के बागानों और चावल की खेती में ....
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