शहरी सहकारी बैंकों की वित्तीय सेहत में सुधार हेतु पीसीए फ्रेमवर्क
26 जुलाई, 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक जमा वाले अपेक्षाकृत कमजोर शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) फ्रेमवर्क निर्धारित किया।
- फ्रेमवर्क का उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य को अधिक सटीकता और लचीलेपन के साथ संबोधित करना है।
- यह फ्रेमवर्क इन शहरी सहकारी बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए जारी किया गया है।
- यह फ्रेमवर्क मौजूदा पर्यवेक्षी कार्रवाई फ्रेमवर्क (Supervisory Action Framework: SAF) का स्थान लेगा और 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा।
- इस ढांचे को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लागू समान ढांचे के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 प्रतिभूति संविदा (विनियमन) संशोधन नियम, 2025
- 2 आरबीआई (डिजिटल ऋण) निर्देश, 2025
- 3 विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2025
- 4 चीनी (नियंत्रण) आदेश, 2025
- 5 भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग विनियम, 2025
- 6 संशोधित ‘शक्ति’ नीति को मंज़ूरी
- 7 जैविक विविधता विनियम, 2025
- 8 अंतर सेवा संगठन नियम, 2025
- 9 ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य
- 10 भारतीय खाद्य नियमन में एंटीबायोटिक्स पर सख्ती