विश्व बैंक समूह गारंटी प्लेटफॉर्म
1 जुलाई, 2024 से विश्व बैंक समूह गारंटी प्लेटफ़ॉर्म (WBG GP) को व्यवसाय के लिए खोल (Open) दिया गया।
- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA) में स्थित यह प्लेटफ़ॉर्म विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) तथा MIGA के उत्पादों एवं विशेषज्ञों को एकीकृत करता है।
- ऋण वित्तपोषण की वृहद मांग होने, राजनीतिक एवं संप्रभु जोखिम व्याप्त होने तथा परियोजना की व्यवहार्यता के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण की आवश्यकता होने पर बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण हेतु विश्व बैंक गारंटी प्रदान की जाती है।
- प्लेटफॉर्म के लॉन्च से पूर्व विश्व बैंक समूह (WBG) ने 20 गारंटी समाधान पेश किए थे, जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग प्रक्रियाएं, नियम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए त्रिपक्षीय समझौता
- 2 भारत के शहरी विकास के लिए ADB की 10 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता
- 3 जलीय कृषि क्षेत्र में एंटीमाइक्रोबियल्स के उपयोग पर प्रतिबंध
- 4 युवाओं के लिए स्टाइपेंड में 30% वृद्धि की सिफारिश
- 5 भारत का प्रथम मॉर्गेज समर्थित पास-थ्रू सर्टिफिकेट
- 6 'निवेशक सहायता' पहल हेतु प्रारंभिक रणनीतिक बैठक
- 7 PDS से संबंधित 3 प्रमुख डिजिटल पहलों का शुभारंभ
- 8 विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025
- 9 भारत का राजकोषीय घाटा GDP का 4.8%
- 10 शहरी भूमि सर्वेक्षण हेतु ‘नक्शा’ कार्यक्रम का द्वितीय चरण

- 1 भारत का परिधान निर्यात संकट स्व-प्रेरित
- 2 अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए ₹1000 करोड़ का उद्यम पूंजी कोष
- 3 चीन से पाकिस्तान जा रही प्रतिबंधित रसायनों की खेप जब्त
- 4 बैंकों के उच्च ऋण-जमा अनुपात पर आरबीआई की चिंता
- 5 क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए सेबी के नवीन दिशानिर्देश
- 6 भारत 'उत्पादक मूल्य सूचकांक' मॉडल को अंतिम रूप देने के करीब
- 7 12 औद्योगिक पार्क बनाने का प्रस्ताव: केंद्रीय बजट 2024-25
- 8 महत्वपूर्ण खनिजों के संबंध में अधिकतम क्षेत्र सीमा में छूट