जैव विविधता और संरक्षण

जैव विविधता, किसी दिए गए पारिस्थितिकी तंत्र, बायोम या एक पूरे ग्रह में जीवन के रूपों की विभिन्नता का परिणाम है। जैव विविधता किसी जैविक तंत्र के स्वास्थ्य का प्रतीक है। जैव विविधता एक निओलगिज्म (Nelogism) और सूटकेस शब्द है। Portmanteau Word से जीव विज्ञान और विविधता विज्ञान डिविजन के प्रकृति संरक्षण का 1975 के अध्ययन में इस शब्द प्राकृतिक विविधता का उपयोग किया गया। 1986 के बाद से Biologists के बीच व्यापक उपयोग प्राप्त कर ली है।

आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity): विविधता का जीन एक प्रजाति के भीतर वहाँ की आबादी है और एक ही प्रजाति के व्यक्तियों के बीच में एक आनुवांशिक परिवर्तनशीलता है। अनुवांशिक विविधता को पौधों एवं जन्तुओं की प्रजातियों के जीन के स्तरों पर विभिन्नता एवं अन्तर के रूप में देखा जाता है। वास्तव में जीन की विभिन्नता प्रजातियों में विभिन्नता को तथा प्रजातियों की विभिन्नता की मात्र जैव विविधता को निर्धारित करती है।न्यून विविधता होने पर प्रजातियों में समरूपता होती है, परिणामस्वरूप प्रजातियों के जीवों में पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति दुर्बलता अधिक हो जाती है। अर्थात् यदि प्रजातियों में विविधता के बजाए एकरूपता अधिक होती है तो जीव पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के साथ अपने को अनुकूलित तथा समायोजित नहीं कर पाते हैं, परिणामस्वरूप विनष्ट हो जाते हैं।

प्रजाति विविधता (Species Biodiversity): प्रजाति जैव विविधता का सामान्य अर्थ होता है किसी निश्चित पारिस्थितिक तंत्र के जीवीय समुदायों (पौधों तथा जन्तुओं के समुदायों) की प्रजातियों के प्रकार तथा उनकी परिवर्तनशीलता। उल्लेखनीय है कि सामान्य रूप से प्रजाति विविधता को जैव विविधता के समानर्थी के रूप में लिया जाता है, क्योंकि किसी पारिस्थितिक तंत्र में जीवित जीवों के विभिन्न प्रकार की संख्या तथा प्रकार को ही प्रजाति विविधता कहते हैं। ज्ञातव्य है कि प्रजाति विविधता का आकार ही अमूल पारिस्थितिक तंत्र (यथाः विषुवतरेखीय वर्षा वन पारिस्थितिक तंत्र, मानसूनी पर्णपाती वन पारिस्थितिक तंत्र, सवाना पारिस्थितिक तंत्र आदि) की आहारशृंखला को दीर्घ या लघु बनाता है और यही आहारशृंखला जैव विविधता भी उतनी ही समृद्ध होगी। इसका प्रमुख उदाहरण विषुवतरेखीय वर्षा वन है जो जैव विविधता हॉटस्पॉट कहा जाता है, क्योंकि यह विश्व का सर्वाधिक जैव विविधता वाला पारिस्थितिक तंत्र है।

पारिस्थितिक तंत्र जैव विविधता (Ecosystem Biodiversity): चूंकि पारिस्थितिक तंत्र जीवीय समुदायों के आवासों (habitats) तथा निकेतों (Niches) के प्रकारों, प्रत्येक पारिस्थितिक तंत्र में क्रियाशील जीवीय प्रक्रियाओं आदि को निर्धारित करता है, तथा ये सभी बदले में विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रें में प्रजातियों के प्रकारों एवं उनकी संख्या को निर्धारित करते हैं। अतः जैव विविधता का पारिस्थितिक तंत्र के स्तर पर भी अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के लिए विषुवतरेखीय वर्षा वन पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता, प्रवाल भित्ति पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता, एस्च्यूरी पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता, घास प्रदेश पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता आदि। वास्तव में भौतिक पर्यावरणीय दशायें (स्थल, मृदा, वायु-मौसम एवं जलवायु, जल आदि) विभिन्न जैवीय समुदायाें के लिए आवासों के स्वरूप तथा प्रकारों का निर्धारण करती है।