कंपनी विधि 2013

30 अगस्त, 2013 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही नया कंपनी कानून लागू हो गया। यह कानून 55 वर्ष पुराने कंपनी अधिनियम 1956 का स्थान लिया। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) को आपराधिक विधि में शामिल किया गया है तथा इसकी अधिकतम सजा पांच वर्ष का कारावास तय की गयी है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका में गैलियोन हेज फंड के संस्थापक राज राजारत्नम व बाद में गोल्डमैन सैश के रजत गुप्ता की इनसाइडर ट्रेडिंग की गतिविधियों ने विश्व आर्थिक जगत को आश्चर्यचकित कर दिया। भारत की कंपनी विधि में इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे अपराध के प्रति अमेरिका की तरह ही कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। धन जोखिम की मात्र को ध्यान में रखते हुये 5 लाख रुपये से लेकर 25 करोड़ रुपये या इनसाइडर ट्रेडिंग के जरिये अर्जित लाभ की तिगुनी राशि के दंड की भी व्यवस्था इस कानून में है। इस कानून की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं_

  • नया कंपनी विधेयक 1956 के कंपनी विधेयक की जगह लेगा।
  • एक व्यक्ति के द्वारा भी कंपनी स्थापित की जा सकेगी।
  • सी.एस.आर. के तहत बड़ी कंपनियों के लिए अपने लाभ का 2 प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है। कंपनियों को 2 प्रतिशत खर्च न करने की वजह शेयरधारकों को बतानी होगी।
  • कॉरपोरेट धोखाघड़ी को रोकने के लिए सीरियस फ्रॉड इन्वेशटिगेशन ऑफिस (SFIO) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। एस.एफ.आई.ओ. को गिरफ्रतारी सहित अन्य शक्तियां प्रदान की गई हैं।
  • इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी गतिविधियों को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
  • कॉरपोरेट घोटाले के लिए स्पेशल कोर्ट बनाया जाएगा।
  • कंपनियों को अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले औसत वेतन की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
  • निदेशक का वेतन कंपनी के शुद्ध लाभ के 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता है।
  • सभी कंपनियों के लिए वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च का होगा।
  • शेयरधारकों को ई.वोटिंग का अधिकार प्रदान किया गया है।
  • शेयरधारकों को अदालत में क्लास एक्शन मुकदमा दायर करने का अधिकार प्रदान किया गया है।
  • कंपनियां किसी एक ऑडिटर की सेवा 5 वर्षों तक के लिए ही ले सकेंगी।
  • ऑडिटर यदि अपूर्ण या गलत रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करेंगे, तो उन पर आपराधिक मामला चलेगा।
  • तालाबंदी की स्थिति में कंपनियों को दो साल के वेतन का भुगतान कर्मचारियों को करना होगा।
  • सेबी को कंपनी पर कार्रवाई का अधिकार प्रदान किया गया है।
  • कंपनी के निदेशक मंडल में कम से कम एक तिहाई स्वतंत्र निदेशक होंगे। निदेशकों की अधिकतम संख्या 12 से बढ़कर 15 की गई है।
  • निदेशक मंडल में कम से कम एक महिला का होना अनिवार्य है।
  • कोई भी व्यक्ति 20 से ज्यादा कंपनियों में निदेशक नहीं नियुक्त हो सकता है।
  • स्वतंत्र निदेशकों को 6 साल में बदलना अनिवार्य है।
  • निजी कंपनियों के लिए अधिकतम कर्मचारियों की संख्या 50 से बढ़ाकर 200 कर दी गई है।
  • एसोसिएटेड कंपनी, स्मॉल कंपनी, सीईओ, सीएफओ, प्रमोटर सहित 33 विषयों की नई परिभाषा को कंपनी बिल में शामिल किया गया है।