घरेलू ग्रे पानी प्रबंधन

प्रत्येक परिवार द्वारा स्रोत पर ग्रे पानी का निस्तारण अधिक उपयुक्त एवं किफायती प्रस्ताव है। ऐसा तकनीक होना चाहिए जहाँ शून्य या न्यूनतम सामुदायिक अपशिष्ट हो सके। इसके निस्तारण के लिए परिवार के आसपास क्षेत्र/प्रांगण/भूमि उपलब्ध होने की जरूरत होगी।

घरेलू ग्रे पानी निस्तारण का कार्य निम्नलििखत तीन विधियों से किया जा सकता है।

  • किचन गार्डन
  • लीच पिट और
  • सोक पिट

किचन गार्डन

घरेलू स्तर पर किचन गार्डन सर्वाधिक मनपसंद विकल्प है क्योंकि गार्डन से परिवार, खाने योग्य कुछ सामग्रियां जैसे फल या सब्जियाँ प्राप्त करते हैं। तथापि, यह वहीं संभव होगा जहाँ घर के पास खुली जमीन उपलब्ध हो।

यदि किचन गार्डन में बहाने से पूर्व ग्रे जल को साफ किया जाता है, तो गार्डन अच्छी तरह से विकास करता है। बहुत सरल विधि जैसे कि सिल्ट और ग्रीस ट्रैप के माध्यम से पानी को गुजार कर यह कार्य किया जा सकता है। अपशिष्ट जल के प्रवाह से सिल्ट, ग्रीस तथा अन्य ठोस सामग्री को अलग करने की जरूरत होती है। इस प्रयोजन के लिए जरूरत के अनुसार इंटर सेप्टर टैंक या चेंबर निर्मित किए जाते हैं।

गार्डन की सिंचाई दो तरीकों से की जा सकती है। फिल्टर वाटर भूमिगत पीवीसी पाइपों के माध्यम से सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचेगा। इस विधि में पाइप एवं फिल्टर बेड के अनुरक्षण की जरूरत होगी।

दूसरी विधि फ्सर्फेस सिंचाईय् की है। यह सरल और सस्ती है तथा इसमें कम रखरखाव की जरूरत होती है। परन्तु उपज कम हो सकती है और अतिरिक्त पानी बाहर जाएगा।

सोक पिट

सोक पिट ग्रे जल के प्रबंधन के लिए बहुत सरल एवं सस्ता विकल्प है। घरेलू प्रयोजनों के लिए, तकरीबन 3 फीट लंबाई, 3 फीट चौड़ाई तथा 3 फीट की गहराई में मिट्टी में एक घनाकार पिट खोदा जाता है।

पिट वाल की सतह तथा पिट का बॉटम सर्फेस पानी सोखने के लिए मिट्टी का अधिक सर्फेस एरिया प्रदान करता है। पिट को स्थिरता प्रदान करने के लिए तथा आने वाले पानी को उपलब्ध सर्फेस एरिया में वितरित करने के लिए पिट को निर्धारित आकार के पत्थर के टुकड़ों से भर दिया जाता है।

  • शीर्ष पर पिट को सहायक सामग्री जैसे कि पेड़ की टहनी या बोरी आदि से ढ़क दिया जाता है तथा उसके ऊपर रेत बिछा दी जाती है ताकि अंदर आने वाला पानी खुला न रहे।
  • मध्य में, एक फिल्टर युक्त इनलेट, घास से भरा छिद्रित मटका रखा जाता है, जिसके माध्यम से पानी पिट में जाता है। पत्थर के टुकड़े भी पानी सोखने वाली सभी सतह में पानी का वितरण करने में अधिक दक्ष होते हैं।

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि ईट का साधारण टुकड़ा या कंकड़ आदि का प्रयोग भराव की सामग्री के रूप में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि भीगने पर ईट के टुकड़े टूटने लगते है। आगे चलकर वे पिट की साइडों पर मिट्टी की सतह की ओर पानी के प्रवाह को अवरुद्ध कर देते हैं।

लीच पिट

यदि खुली जमीन की उपलब्धता न हो तथा ग्रे जल की मात्र अधिक हो, तो घरेलू लीच पिट उपयुक्त विकल्प हो सकता है। इसके लिए परिवार को निर्माण संबंधी कुछ लागत वहन करनी पड़ेगी। लीच पिट ईट से निर्मित एक गोलाकार पिट है, जिसे मधुमक्खी के छत्ते की तरह बनाया जाता है, जिसका व्यास तकरीबन 3 फीट होता है। पिट के लिए एक समुचित इंसेक्ट प्रूफ ढक्कन होना चाहिए। वाटर सील ट्रैप के माध्यम से पिट में पानी जाना चाहिए ताकि कीड़ों का प्रवेश न हो सकें और मच्छर पैदा न हों।