भारत-चीन सीमा

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)

यह भारत और चीन के बीच की वास्तविक सीमा रेखा है। 4,057 किलामीटर लंबी यह सीमा रेखा जम्मू-कश्मीर में भारत अधिकृत क्षेत्र और चीन अधिकृत क्षेत्र अक्साई चीन को पृथक करती है। यह लद्दाख, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। यह भी एक प्रकार की सीज फायर (युद्धविराम) रेखा ही है, क्योंकि 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद दोनाें देशों की सेनाएंजहां तैनात थी, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा मान लिया गया। इसका संदर्भ सबसे पहले चीन के त्तकालीन प्रधानमंत्री ने 24 अक्टूबर 1959 को एक पत्र में किया था, जो कि भारत के त्तकालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि चीन की किसी भी सरकार ने मैकमोहन रेखा को कभी वैध नहीं माना है।

भारत-चीन सीमा पर व्याप्त चुनौतियां

भारत-चीन सीमा के कई भाग हैं, जिसमें अधिकांश विषम भौगोलिक स्थिति एवं ऊंचाई पर स्थित क्षेत्रें में स्थित है। इन क्षेत्रें में बेहतर अवसंरचना न होने के कारण सैनिकों के लिए यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। भारत-चीन सीमा में स्पष्टता ने होने के कारण समय-समय पर चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ सबसे बड़ी चुनौती के रूप में मौजूद है। हाल ही में दौलत बेग गोल्डी एवं उत्तराखंड में की गयी चीनी घुस पैठ ने इस दिशा में और चुनौतियां बढ़ा दी।