भूमि सुधार की आवश्यकता

  • बढ़ते औद्योगीकरण, शहरीकरण, घर तथा संरचनात्मक विकास के लिए भूमि की बढ़ती मांग के कारण, खेती के लिए उपलब्ध क्षेत्र के विस्तार की गुंजाइश कम है।
  • जमीन मालिकों की अनिच्छा के कारण दुर्लभ कृषि भूमि बिना जोत के रह रही है।
  • भूस्वामी स्वामित्व खोने के डर से भूमि को पट्टे पर नहीं देते हैं।
  • देश के अधिकांश भागों में भूमि को पट्टे पर देने की घटनाओं के बावजूद भूमि की हदबंदी नहीं हुई है।
  • कृषि जनगणना 2010.11 कृषि योग्य भूमि के औसत आकार में पिछले कुछ वर्षों से कमी आई है।
  • इसमें 1970.71 की 2.82 हेेक्टेयर की तुलना में 2010.11 में 1­16 हेक्टेयर की कमी देखी गई है।
  • ऐसे कृषक जिनकी जोत का आकार 10 हेक्टेयर से ज्यादा था, केवल 2 प्रतिशत है।
  • खाद्यान की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए अधिक कृषि योग्य भूमि की जरूरत है और इसके लिए भूमि सुधार की आवश्यकता है।