अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय

भारत के परिप्रेक्ष्य में

भारत के प्रयासों के बावजूद CCIT के अंतिम रूप और अनुमोदन पर मुख्य रूप से अमेरिका, इस्लामिक देशों के संगठन (Organizations of Islamic Countries-OIC) और लैटिन अमेरिकी देशों के विरोध के कारण गतिरोध बना हुआ है।

पृष्ठभूमि

अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय (Comprehensive Convention on International Terrorism-CCIT) को 1996 में भारत ने प्रस्तावित किया था। लेकिन अभी तक दो दशक बाद भी आतंकवाद को परिभाषित करने पर सहमति नहीं बन पाई है।

उद्देश्यः आतंकवाद की एक सार्वभौमिक परिभाषा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभी 193 सदस्य अपने स्वयं के आपराधिक कानून द्वारा अपनाएंगे।

  • सभी आतंकी समूहों पर प्रतिबंध लगाना और आतंकी शिविरों को बंद करना।
  • विशेष कानूनों के तहत सभी आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा चलाना।
  • दुनिया भर में सीमा पार आतंकवाद को एक प्रत्यर्पणीय अपराध (Extraditable Offence) बनाना।