बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय

भारत के परिप्रेक्ष्य में

भारत ने अभिसमय का अनुमोदन 11 दिसंबर, 1992 को किया।

पृष्ठभूमि

बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UN Convention on the Rights of the Child) को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 20 नवंबर, 1989 को अपनाया गया और 2 सितंबर, 1990 को इसे लागू किया गया।

इस अभिसमय के 196 पक्षकार हैं और 140 देश हस्ताक्षरकर्ता हैं।

प्रावधानः

  • इस अभिसमय के अनुसार अट्ठारह वर्ष से कम आयु का व्यक्ति एक बच्चा है, जब तक कि किसी भी देश के कानून में परिपक्वता की एक अलग उम्र निर्दिष्ट नहीं है।
  • यह राज्य (प्रत्येक देश) का कर्तव्य है कि वह बच्चे या परिवार की नस्ल, रंग, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीतिक या सामाजिक स्थिति, संपत्ति, विकलांगता, जन्म या राष्ट्रीयता, जातीयता की परवाह किए बिना सभी बच्चों पर लागू करे।
  • राज्य हमेशा अभिभावकों के अधिकारों और कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए बच्चे के सर्वाेत्तम हित में कार्य करेगा।
  • प्रत्येक राज्य (पक्षकार) बाल तस्करी का मुकाबला करेगा।
  • प्रत्येक बच्चे को एक नाम, जन्म पंजीकरण और राष्ट्रीयता का अधिकार है।
  • बच्चे को किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार, शोषण या उपेक्षा से बचाने के लिए राज्य सभी प्रकार की कार्रवाई करेगा।