अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम

अक्टूबर, 2018 में नई दिल्ली में ‘‘सीसीटीएनएस-गुड प्रैक्टिस एंड सक्सेस स्टोरीज’’8 पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसका आयोजन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा किया गया था।

मुख्य तथ्य

  • 1 अरब, 30 करोड़ की आबादी वाले भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अपराधियों का पता लगाने और उनसे जुड़ी सूचनाएं तेजी से हासिल करने में सीसीटीएन प्रणाली और इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी मदद करेगी।
  • सभी राज्यों/संघशासित प्रदेशों में अपराधों की रोकथाम के लिए इस प्रणाली का प्रभावी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके जरिए राज्यों/संघशासित प्रदेशों को पुलिस, अदालतों, जेलों, अभियोजकों, फारेंसिक प्रयोगशालाओं और किशोर सुधार गृहों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करना संभव होगा।
  • वर्तमान में देश के 15,655 थानों में से 14,749 थानों और 7,931 अति महत्व वाले कार्यालयों में से 6,649 कार्यालयों को सीसीटीएनएस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है।

सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट

क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) जून 2009 में शुरू की गई एक परियोजना है, जिसका लक्ष्य पुलिस स्टेशन स्तर पर पुलिस की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली बनाना है।

यह वस्तुतः ई-गवर्नेंस के सिद्धांतों को अपनाने और राष्ट्रव्यापी नेटवर्क तथा आधारभूत संरचना के निर्माण के माध्यम से किया जाएगा। ‘अपराध की जांच और अपराधियों की पहचान’ के लिए आईटी-सक्षम अत्याधुनिक ट्रैकिंग प्रणाली का विकास किया जाएगा।

सीसीटीएनएस भारत सरकार की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत एक ‘मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी)’ है।