गगनयान मिशन

केंद्रीय कैबिनेट ने दिसंबर, 2018 को साल 2022 तक गगनयान के तहत तीन भारतीयों को अंतरिक्ष भेजने के लिए दस हजार करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। ये लोग कम से कम सात दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे। सरकार के मुताबिक अंतरिक्ष में भारत की स्वायत्तता की दिशा में ये एक बड़ा कदम साबित होगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब होता है तो ऐसा करने वाला वह दुनिया का चौथा देश होगा। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष में अपना मानवयुक्त यान भेजने में सफलता पाई है।

गगनयान के लिए जीएसएलवी एमके-III का उपयोग होगा और इसमें तीन क्रू सदस्यों को ले जाने लिए आवश्यक प्रावधान होंगे। इसरो ने मानव रहित अंतरिक्ष विमान के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी संपन्न क्रू स्केप सिस्टम का परीक्षण भी कर लिया है। जीएसएलवी एमके-IIIX मिशन विमान के भाग के रूप में क्रू मॉडड्ढूल का एरोडायनेमिक चित्रण पूरा कर लिया गया है।

लाभ

इस कार्यक्रम से देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। गगनयान भविष्य की टेक्नोलॉजी के प्रशिक्षण के लिए अंतरिक्ष में एक अनूठा सूक्ष्म गंभीर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। इस कार्यक्रम से रोजगार सृजन, मानव संसाधन विकास तथा वृद्धि सहित औद्योगिक क्षमताओं के संदर्भ में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।