हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट

नवंबर, 2018 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रॉकेट पीएसएलवी-सी 43 के द्वारा भारत के भू-प्रेक्षण उपग्रह ‘हिसआईएस’ (Hyperspectral Imaging Satellite -hysys) और आठ देशों के 30 अन्य उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया। हिसआईएस, पृथ्वी का अवलोकन करने के लिए देश का पहला हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग उपग्रह है।

इस उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी की सतह के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पैक्ट्रम में इंफ्रारेड और शॉर्ट वेव इंफ्रारेड फील्ड का अध्ययन करना है। हिसआईएस एक विशेष चिप की मदद से तैयार किया जाता है, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ऑप्टिकल इमेजिंग डिटेक्टर ऐरे’ कहते हैं।

विशेषताएं

  • भारत का हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग उपग्रह (हिसआईएस) इस मिशन का प्राथमिक सैटेलाइट है। इमेजिंग सैटेलाइट पृथ्वी की निगरानी के लिए इसरो द्वारा विकसित किया गया है।
  • यह प्रक्षेपण 4 स्टेज में लॉन्च हुआ। यह मिशन इसरो के सबसे लंबे मिशनों में से एक था।

मुख्य तथ्य

  • यह उपग्रह पूरे विश्व को कवर करेगा और कृषि, वन, भूविज्ञान, पर्यावरण, तटीय क्षेत्र और अंतर्देशीय जल क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराएगा।
  • इसरो द्वारा विकसित भू-प्रेक्षण उपग्रह ‘हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट’ (हिसआईएस) पीएसएलवी-सी 43 मिशन का प्रमुख उपग्रह है।
  • अंतरिक्षयान का वजन करीब 380 किलोग्राम है और इसे 97-957 अंश झुकाव के साथ 636 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया गया।
  • इन उपग्रहों में ग्लासगो की 2 नैनो सैटलाइट भी हैं। इनका उद्देश्य मौसम और ग्लोबल क्लाइमेट चेंज का मुकाबला करने में मदद करेगी।
  • हिसआईएस के साथ जिन उपग्रहों को रवाना किया गया है उनमें आठ देशों के 29 नैनो और एक माइक्रो उपग्रह शामिल हैं। इनमें 23 उपग्रह अमेरिका के और एक-एक उपग्रह ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं।