नेट न्यूट्रैलिटी नियम स्वीकृत

समावेशन और नवोन्मेष की वृद्धि, मुक्त और निष्पक्ष डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुनिश्चित करने पर निर्भर है, जिसके लिए विकेंद्रित पहुंच और डेटा का मुक्त प्रवाह आवश्यक है। भारत में कंपनियों ने फेसबुक के ‘जीरो रेटिंग’ जिसमें बेसिक सेवाएं मुफ्त हैं और एयरटेल के एयरटेल जीरो प्लेटफार्म तथा उसके उपभोक्ताओं को कुछ मोबाइल एप्लीकेशन मुफ्त उपलब्ध हैं, जैसे पैकेज पेश किए हैं। यह नेट न्यूट्रैलिटी के वैश्विक मानदंडों के खिलाफ था और इसलिए इस प्रकार के व्यापारिक तरीकों को रोकने के नियम जारी किए गए थे।

नेट न्यूट्रैलिटी

नेट न्यूट्रैलिटी का अर्थ है कि इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) इंटरनेट सामग्री और सेवाओं को अवरुद्ध, संकुचित करने या उन्हें तेज गति से पहुंचाने में कोई भेदभाव नहीं कर सकते हैं।

सीबीएसई द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता पाठ्यक्रम शुरू

सीबीएसई द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artifical Intelligence) पाठ्यक्रमों को 8, 9 और 10वीं कक्षा में ऐच्छिक विषय के रूप में शुरू किया गया है। उससे यह सुनिश्चित किया जाना है कि स्कूल के छात्र नवीनतम तकनीकों की जानकारी रखें और डेटा विश्लेषण, बिग डेटा जैसी भविष्य की तकनीकों को निर्धारित आकार दे सकें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक मशीन की सोचने, सीखने और सामान्य रूप से मानव बुद्धि की जरूरत वाले कार्यों को करने की क्षमता है, जैसे-देखकर समझना, भाषण समझना और निर्णय लेने का कौशल। कृत्रिम बुद्धिमत्ता की इन क्षमताओं में कंप्यूटर सहित मशीनों द्वारा शतरंज खेलने से लेकर कारों का संचालन और उससे भी आगे के क्षेत्र आते हैं।

वर्तमान स्थिति

इंटरनेट कार्यकर्ताओं द्वारा एक साल के अभियान के बाद सरकार ने आखिरकार ऑपरेटरों को किसी भी ऑनलाइन सेवा के लिए डेटा और संकुचित डेटा की गति के लिए ‘निरोधात्मक शुल्क’ लगाने से मना किया। भारत का इंटरनेट अब नेट न्यूट्रैलिटी के नियमों द्वारा शासित हो रहा है; क्योंकि डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन (तत्कालीन दूरसंचार आयोग) ने नियामक निकाय ‘टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरोटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। नेट तटस्थता के कुछ नियमों में शामिल हैं:

  • सामग्री का भेदभावपूर्ण व्यवहार निषिद्ध है। अन्य इंटरनेट चैनलों को उपयोग (ब्राउज) करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा सकता है।
  • नियम आईएसपी को हाई-स्पीड डेटा लेन बनाने से रोकते हैं।
  • नियम के अनुसार फेसबुक के फ्री बेसिक सेवा जैसे शून्य-रेटिंग पैकेज (जहां फेसबुक तक पहुंच के लिए मुफ्त में कुछ सामग्री प्रदान की जाती है) भारत में अवैध है।

नेट न्यूट्रैलिटी के दायरे से बाहर हैं

  • महत्वपूर्ण मिशन अनुप्रयोगों या दूरस्थ सर्जरी और स्वचालित कारों जैसी शीर्ष सेवाओं को इस ढांचे के दायरे से बाहर रखा गया है।
  • सामग्री वितरण नेटवर्क (सीडीएन) को भी इससे बाहर रखा गया है। CDN बिना सार्वजनिक इंटरनेट तक पहुंच के किसी टेलीकॉम कंपनी को अपने नेटवर्क पर सामग्री देने की अनुमति देते हैं। उनके द्वारा प्रदान की गई सामग्री तक पहुंचने के लिए उपयोगकर्ता को संबंधित नेटवर्क पर जाना होता है।