वित्त वर्ष 2018-19 में बिजली क्षेत्र की प्रगति

सौभाग्य योजना के तहत 9 राज्यों में 100 प्रतिशत घरों का विद्युतीकरण हुआ है, कुल 16 राज्यों में अब 100 प्रतिशत घरों का विद्युतीकरण हो चुका है। 9 राज्यों मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने सौभाग्य योजना के तहत घरेलू विद्युतीकरण में 100 प्रतिशत संतृप्ति हासिल की है। इस प्रकार देश में कुल 16 राज्यों में अब 100 प्रतिशत घरेलू विद्युतीकरण है।

  • ऊर्जा घाटा लगभग शून्य हो गया और भारत नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार को बिजली के शुद्ध निर्यातक के रूप में उभरा है।
  • उजाला योजना के तहत 31.68 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए और 74.7 9 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट स्थापित किए गए हैं
  • ‘बिजली’ प्राप्त करने के मामले में विश्व बैंक की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में भारत की रैंक बढ़कर 2018 में 24 हो गई जबकि 2014 में यह 137 थी

उत्पादन क्षमताः अप्रैल 2014 से अक्टूबर 2018 तक 1,07,000 मेगावॉट उत्पादन क्षमता बढ़ी है। अखिल भारतीय स्तर पर उत्पादन क्षमता 39.2 प्रतिशत बढ़कर अक्टूबर 2018 तक 3,46,048 मेगावॉट हो गई है।

  • भारत बिजली के शुद्ध निर्यातक के रूप में उभरा है। वित्त वर्ष 2017-18 में 7203 एमयू नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार को आपूर्ति की गई और 468 एमयू चालू वर्ष 2018-19 (अक्टूबर 2018 तक) में आपूर्ति की गई।

उदय योजना

  • दो साल के भीतर उदय के तहत डिस्कॉम द्वारा 34,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ब्याज लागत बचाई गई। संचालन के दो वर्षों के भीतर 22 राज्यों में एटी एंड सी घाटे में कमी। वित्त वर्ष 2018 में एटी एंड सी घाटे में 18.76 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि यह वित्त वर्ष 2016 में 20.77 प्रतिशत थी।
  • भारत की विद्युत वितरण करने वाली कंपनियों के आर्थिक पुनरोत्थान के लिए उदय की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई।