सतत् विकास लक्ष्य

  • अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से 17 सतत् विकास लक्ष्यों की ऐतिहासिक योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक अधिक संपन्न, अधिक समतावादी और अधिक संरक्षित विश्व की रचना करना है।
  • 17 सतत् विकास लक्ष्य और 169 उद्देश्य, सतत् विकास के लिए 2030 एजेंडा के अंग हैं, जिसे सितम्बर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की शिखर बैठक में 193 सदस्य देशों ने अनुमोदित किया था। यह एजेंडा पहली जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ है।
  • इन लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए हुई अभूतपूर्व परामर्श प्रक्रिया में राष्ट्रीय सरकारों और दुनिया भर के लाखों नागरिकों ने मिलकर बातचीत की तथा अगले 15 वर्ष के लिए सतत् विकास हासिल करने का वैश्विक मार्ग अपनाया।
  • सतत् विकास लक्ष्य और उद्देश्य गरीबी, भुखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और खुशहाली, शिक्षा, लैंगिक समानता, जल एवं स्वच्छता, ऊर्जा, आर्थिक वृद्धि और उत्कृष्ट कार्य, बुनियादी सुविधाएं, उद्योग एवं नवाचार, असमानताओं में कमी, संवहनीय शहर, उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु कार्यवाही, पारिस्थितिक प्रणालियां, शांति एवं न्याय और भागीदारी जैसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यवाही के लिए प्रेरित करेंगे।

सतत विकास के 17 लक्ष्य निम्नलिखित हैं-

  1. शून्य गरीबी।
  2. शून्य भुखमरी।
  3. उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली।
  4. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
  5. लैंगिक समानता।
  6. स्वच्छ जल और स्वच्छता।
  7. सस्ती और प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा।
  8. उत्कृष्ट कार्य और आर्थिक वृद्धि।
  9. उद्योग, नवाचार और बुनियादी सुविधाएं।
  10. असमानताओं में कमी।
  11. संवहनीय शहर और समुदाय।
  12. संवहनीय उपभोग और उत्पादन।
  13. जलवायु कार्यवाही।
  14. जलीय जीवों की सुरक्षा।
  15. थलीय जीवों की सुरक्षा।
  16. शांति न्याय और सशक्त संस्थाएं।
  17. लक्ष्य हेतु भागीदारी।