जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय

भारत के परिप्रेक्ष्य में

भारत ने 10 जून, 1992 को UNFCCC पर हस्ताक्षर किए और 1 नवंबर, 1993 को इसकी पुष्टि की।

पृष्ठभूमि

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nations Framework Convention on Climate Change-UNFCCC) एक अन्तरराष्ट्रीय समझौता है, जिसका उद्देश्य वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना है। यह समझौता जून, 1992 के पृथ्वी सम्मेलन के दौरान किया गया था और इसे हस्ताक्षर के लिये 9 मई, 1992 से रखा गया। अभिसमय को 21 मार्च, 1994 को लागू किया गया। 197 सदस्य देश इस अभिसमय के पक्षकार हैं।

इसके तहत वर्ष 1997 में बहुचर्चित क्योटो समझौता हुआ और विकसित देशों (एनेक्स-1 में शामिल देश) द्वारा ग्रीन हाउस गैसों को नियंत्रित करने के लिये लक्ष्य बनाया गया। UNFCCC की वार्षिक बैठक को कान्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (Conference Of Parties- COP) के नाम से जाना जाता है।