चीन में कोरोना वायरस संक्रमण

30 जनवरी, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोरोना वायरस को वैश्विक आपदा घोषित किया है, 7 जनवरी, 2020 को चीन द्वारा इसे 2019 - नावेल कोरोना वायरस (2019 - nCoV) नाम दिया गया। यह वायरस आम तौर पर श्वसन तंत्र की बीमारी उत्पन्न करता है। कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और बुखार भी शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है।

  • कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, यानी जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है, ऐसे लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं।
  • वैज्ञानिक लियो पून के अनुसार यह निमोनिया का कारण बनता है और फिर एंटीबायोटिक उपचार का जवाब नहीं देता है, जो इसे ज्यादा खतरनाक बनाता है, मृत्यु दर के मामले में SARS 10 फीसदी संक्रमित व्यक्तियों को मारता है, जबकि यह उससे ज्यादा खतरनाक है।
  • अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंसन के अनुसार कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है। इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
  • WHO के मुताबिक कोरोना वायरस एक जूनोटिक वायरस है। इसका मतलब है कि यह 2019-nCoV के जरिए जानवरों से मानव में फैला है। माना जा रहा है कि 2019-nCoV सीफूड खाने से फैला था; लेकिन अब कोरोना वायरस मानव से मानव में फैल रहा है।
  • यह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।

कोरोना वायरस से बचाव

न तो कोरोना वायरस (CoV) की कोई वैक्सीन बनी है और न ही 2019-nCoV की। इससे सावधानी बरत कर बचा जा सकता है। संक्रमित बीमार, जुकाम, निमोनिया से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। मास्क पहनें। अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं। हाथों को बार-बार अच्छे से साबुन से धोएं।