आतंक के वित्त पोषण के मुद्दे पर पाकिस्तान का वैश्विक अलगाव

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) आतंक के वित्तपोषण पर नजर रखने वाला एक वैश्विक निगरानी संगठन है, जिसने पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल किया है।

इस संगठन ने पाकिस्तान को अक्टूबर 2019 में चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान कुल 27 सवालों की सूची में से शेष 22 बिंदुओं का पालन नहीं करता है, तो इस्लामाबाद को ‘ब्लैक लिस्ट’में डाल दिया जाएगा। इसके पश्चात पाकिस्तान ने दिसंबर 2019 को एफएटीएफ को 22 सवालों के जवाब सहित एक रिपोर्ट सौंपी।

पृष्ठभूमि

आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों को इसके प्रतिघात का सामना करना पड़ रहा है। भारत ने अपने पड़ोस में आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर कड़ी आपत्ति जताई है, जहाँ उसे राज्य द्वारा संरक्षण प्रदान किया जा रहा है।

इस संदर्भ में पाकिस्तान को बेनकाब करना और आतंकवाद को राज्य द्वारा प्रदान संरक्षण पर अंकुश लगाना भारतीय विदेश नीति का सक्रिय घटक है। विश्व मंच पर भारत के मजबूती से उभरने के कारण वैश्विक स्तर पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को स्वीकार किया जा रहा है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान का शामिल होना, इसकी तार्किक परिणीति है। एफएटीएफ के अध्यक्ष जियांगमिन लियू (चीन) ने कहा, "पाकिस्तान को और अधिक तथा तीव्र गति से सुधार करने की जरूरत है।" तय सीमा तक पर्याप्त और महत्वपूर्ण सुधार नहीं करने पर एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर कार्यवाही का संकेत दिया है।

आपसी मूल्यांकन रिपोर्ट 2019 (म्यूचुअल असेसमेंट रिपोर्ट 2019)

मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया / पैसिफिक ग्रुप (APG) ने मनी-लॉन्ड्रिंग और टेरर-फाइनेंसिंग (आतंकी वित्तपोषण) पर ‘म्युचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट 2019’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें ‘प्रभावकारिता रेटिंग’के लिए 10 पैरामीटर और ‘तकनीकी अनुपालन रेटिंग’के लिए 40 पैरामीटर को शामिल किया गया है।

  • दस प्रभावशीलता रेटिंग में से पाकिस्तान को नौ क्षेत्रों में ‘निचले स्तर पर’पाया गया।
  • ‘तकनीकी अनुपालन’मापदंडों में से पाकिस्तान केवल एक मानक का अनुपालन करता पाया गया है।
  • इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में रखने का मजबूत आधार था, परन्तु उसे अभी नहीं रखा गया है। हालांकि, ब्लैकलिस्ट में नहीं आना पाकिस्तान के लिए अस्थायी है।
  • पाकिस्तान को ग्रे सूची में बने रहने के लिए एफएटीएफ के 15 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।

काली सूची में डालने का प्रभाव

  • पूंजी प्रवाह (कैपिटल इनफ्रलो): पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा पाकिस्तान को संभावित ब्लैकलिस्ट करने से देश में पूंजी प्रवाह में कमी आ सकती है।
  • अंतरराष्ट्रीय अनुदान और ऋण प्राप्ति में समस्याः यह विभिन्न जगहों से प्राप्त होने वाले अनुदानों को भी प्रभावित करेगा, जो संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों से प्राप्त होते हैं, इसके साथ प्रमुख द्विपक्षीय लेनदारों से भी ऋण लेने में समस्या आ सकती है।
  • छवि निर्माणः यह सूची पाकिस्तान को आतंकवाद का वित्त पोषण करने वाले देश के रूप में स्थापित कर उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करेगा।
  • घरेलू जोखिमः घरेलू जोखिमों की चर्चा करते हुए, रिपोर्ट उल्लेख करता है कि नीतिगत पहलों को निहित स्वार्थ समूहों द्वारा नकारा जा सकता है और उच्च सदन में सत्ता पक्ष के बहुमत की कमी भी नए कानून की मंजूरी को प्रभावित कर सकती है। यह राष्ट्र के विकास और राजकोषीय समेकन को प्रभावित कर सकता है।

सुझाव

पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्य करना चाहिए और आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों को खत्म करने के लिए आवश्यक कार्य करना चाहिए।

  • पाकिस्तान अपने वित्तीय मामलों में पारदर्शिता बनाए रखे और इस पारदर्शिता का उपयोग भविष्य के आरोपों को खारिज करने में करना चाहिए।
  • वित्तीय स्थिरता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता प्राप्त करने के लिए राजकोषीय समेकन के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता है, ताकि उच्च स्तरीय सुधार को आगे बढ़ाया जा सके।